Sunday 18 May 2014

500 फोटो में से सिर्फ 65 की पहचान हुई


500 फोटो में से सिर्फ 65 की पहचान हुई
मेरठ : तीरगरान की सांप्रदायिक हिंसा ने भले ही लखनऊ तक को हिलाकर रख दिया हो, पर शांति व्यवस्था कायम होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई से हाथ पीछे खींच लिए हैं। उपद्रव में पुलिस को मीडिया और विभिन्न लोगों के पास से 500 फोटो प्राप्त हुए थे। अभी तक मात्र 65 उपद्रवियों की पहचान की गई, जिनमें से 11 की गिरफ्तार कर पुलिस ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। जबकि डीजीपी और प्रमुख गृह सचिव महानगर में पहुंचकर खुद दोनों समुदाय के लोगों को आश्वासन दे गए थे कि हमलावरों की तत्काल गिरफ्तारी होगी।
तीरगरान से शुरू हुई हिंसा बाजार बजाजा तक पहुंच गई थी। उसमें छह लोगों को गोली लगी तो एक युवक की मौत हो गई थी। डीजीपी आनंद लाल बनर्जी और प्रमुख सचिव गृह अनिल गुप्ता मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने एक सप्ताह में हमलावरों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया था। पुलिस ने चार दिनों तक तो मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई की। मामला शांत होने के बाद पुलिस ने भी कार्रवाई के नाम पर हाथ पीछे खींच लिए है। पुलिस के पास उपद्रव करने वालों के 500 ऐसे फोटो हैं, जिनमें हमलावरों के हाथों में हथियार और पत्थर साफ दिखाई दे रहे हैं। पुलिस बड़ी मशक्कत के बाद उनमें से 65 हमलावरों की शिनाख्त कर पाई थी, जबकि उनमें से 11 बवालियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। सवाल यह है कि पुलिस बाकी आरोपियों को फोटो से पहचान क्यों नहीं कर पाई, जबकि वारदात को एक सप्ताह का समय बीत गया है।
इन्होंने कहा..
सांप्रदायिक हिंसा के मामले में पिछले तीन दिनों से कोई डवलपमेंट नहीं हुआ है। पुलिस अभी दूसरे कार्यो में लगी हुई है। फोटो के चिह्नीकरण का काम तेजी से चल रहा है। उनकी पहचान करने के बाद ही दोबारा से गिरफ्तारी की जाएगी।
-ओंकार सिंह, एसएसपी ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए क्लिक करें m.jagran.com परया
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(Hindi news from Dainik Jagran, newsstate Desk)

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मेरठ : तीरगरान की सांप्रदायिक हिंसा ने भले ही लखनऊ तक को हिलाकर रख दिया हो, पर शांति व्यवस्था कायम होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई से हाथ पीछे खींच लिए हैं। उपद्रव में पुलिस को मीडिया और विभिन्न लोगों के पास से 500 फोटो प्राप्त हुए थे। अभी तक मात्र 65 उपद्रवियों की पहचान की गई, जिनमें से 11 की गिरफ्तार कर पुलिस ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। जबकि डीजीपी और प्रमुख गृह सचिव महानगर में पहुंचकर खुद दोनों समुदाय के लोगों को आश्वासन दे गए थे कि हमलावरों की तत्काल गिरफ्तारी होगी।
तीरगरान से शुरू हुई हिंसा बाजार बजाजा तक पहुंच गई थी। उसमें छह लोगों को गोली लगी तो एक युवक की मौत हो गई थी। डीजीपी आनंद लाल बनर्जी और प्रमुख सचिव गृह अनिल गुप्ता मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने एक सप्ताह में हमलावरों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया था। पुलिस ने चार दिनों तक तो मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई की। मामला शांत होने के बाद पुलिस ने भी कार्रवाई के नाम पर हाथ पीछे खींच लिए है। पुलिस के पास उपद्रव करने वालों के 500 ऐसे फोटो हैं, जिनमें हमलावरों के हाथों में हथियार और पत्थर साफ दिखाई दे रहे हैं। पुलिस बड़ी मशक्कत के बाद उनमें से 65 हमलावरों की शिनाख्त कर पाई थी, जबकि उनमें से 11 बवालियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। सवाल यह है कि पुलिस बाकी आरोपियों को फोटो से पहचान क्यों नहीं कर पाई, जबकि वारदात को एक सप्ताह का समय बीत गया है।
इन्होंने कहा..
सांप्रदायिक हिंसा के मामले में पिछले तीन दिनों से कोई डवलपमेंट नहीं हुआ है। पुलिस अभी दूसरे कार्यो में लगी हुई है। फोटो के चिह्नीकरण का काम तेजी से चल रहा है। उनकी पहचान करने के बाद ही दोबारा से गिरफ्तारी की जाएगी।
-ओंकार सिंह, एसएसपी
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