मेरठ : ठीक 11:25 बजे प्रमुख सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक तीरगरान स्थित प्याऊ पर पहुंचे। वहां डीएम और एसएसपी ने पूरे विवाद के बारे में जानकारी दी। इसके बाद वहां से पैदल होते हुए बाजार बजाजा पहुंचे, जहां पर दो दुकानों में आगजनी और लूटपाट की गई थी। वहां से अफसरों का काफिला पहले मेडिकल, बाद में जसवंत राय अस्पताल पहुंचा।
प्रमुख सचिव गृह अनिल गुप्ता और डीजीपी आनंद लाल बनर्जी सबसे पहले सर्किट हाउस पर पहुंचे। वहां से तुरंत ही उक्त दोनों अफसर तीरगरान की ओर निकल पड़े। उन्होंने 18 मिनट में तीरगरान और बाजार बजाजा में मामले की जानकारी ली। इतना ही नहीं डीजीपी को एक बाइक फूंकने की जानकारी दी। मौका-ए-वारदात पर पता चला की दो बाइकों को फूंका गया है। वहां से दोनों अफसर मेडिकल कॉलेज में पहुंचे, जहां शुभम और उनके परिजनों से हालचाल पूछा। डीएम को तत्काल ही शुभम का दिल्ली से एक्सपर्ट डाक्टरों को बुलाकर उपचार कराने के निर्देश दिए। इसके बाद दूसरे घायल सुल्तान से हालचाल पूछा। वहां से जसवंत राय अस्पताल में भर्ती घायलों से वार्ता करने के बाद सर्किट हाउस वापस लौट गए।
शुभम पर गुफ्तगू का राज क्या?
डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह ने डीएम और एसएसपी तथा डाक्टरों से संयुक्त रूप से सबसे अलग गुफ्तगू की। उस समय वहां से पुलिस अफसरों ने सभी को अलग कर दिया था। आखिर इसके पीछे क्या था? मेडिकल कॉलेज में ही अलग-अलग कयास लगाए जा रहे थे। क्योंकि दोनों अफसरों ने सही उपचार देने की बात को सबके सामने की है।
मरीजों से पूछी बवाल की कहानी
मेरठ : डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह ने सुल्तान और क्षतिज से पूरे मामले की जानकारी ली। दोनों घायलों ने बताया कि वह बवाल में शरीक नहीं थे, बल्कि वहां से गुजरते हुए गोली लगी है। दोनों ने बताया कि ऐसा मंजर था, जिसे देखते ही होश फाख्ता हो गए थे। ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए क्लिक करें m.jagran.com परया
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मेरठ : ठीक 11:25 बजे प्रमुख सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक तीरगरान स्थित प्याऊ पर पहुंचे। वहां डीएम और एसएसपी ने पूरे विवाद के बारे में जानकारी दी। इसके बाद वहां से पैदल होते हुए बाजार बजाजा पहुंचे, जहां पर दो दुकानों में आगजनी और लूटपाट की गई थी। वहां से अफसरों का काफिला पहले मेडिकल, बाद में जसवंत राय अस्पताल पहुंचा।
प्रमुख सचिव गृह अनिल गुप्ता और डीजीपी आनंद लाल बनर्जी सबसे पहले सर्किट हाउस पर पहुंचे। वहां से तुरंत ही उक्त दोनों अफसर तीरगरान की ओर निकल पड़े। उन्होंने 18 मिनट में तीरगरान और बाजार बजाजा में मामले की जानकारी ली। इतना ही नहीं डीजीपी को एक बाइक फूंकने की जानकारी दी। मौका-ए-वारदात पर पता चला की दो बाइकों को फूंका गया है। वहां से दोनों अफसर मेडिकल कॉलेज में पहुंचे, जहां शुभम और उनके परिजनों से हालचाल पूछा। डीएम को तत्काल ही शुभम का दिल्ली से एक्सपर्ट डाक्टरों को बुलाकर उपचार कराने के निर्देश दिए। इसके बाद दूसरे घायल सुल्तान से हालचाल पूछा। वहां से जसवंत राय अस्पताल में भर्ती घायलों से वार्ता करने के बाद सर्किट हाउस वापस लौट गए।
शुभम पर गुफ्तगू का राज क्या?
डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह ने डीएम और एसएसपी तथा डाक्टरों से संयुक्त रूप से सबसे अलग गुफ्तगू की। उस समय वहां से पुलिस अफसरों ने सभी को अलग कर दिया था। आखिर इसके पीछे क्या था? मेडिकल कॉलेज में ही अलग-अलग कयास लगाए जा रहे थे। क्योंकि दोनों अफसरों ने सही उपचार देने की बात को सबके सामने की है।
मरीजों से पूछी बवाल की कहानी
मेरठ : डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह ने सुल्तान और क्षतिज से पूरे मामले की जानकारी ली। दोनों घायलों ने बताया कि वह बवाल में शरीक नहीं थे, बल्कि वहां से गुजरते हुए गोली लगी है। दोनों ने बताया कि ऐसा मंजर था, जिसे देखते ही होश फाख्ता हो गए थे।
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