पूर्व सैन्य अधिकारी ने की गोली मारकर आत्महत्या
जागरण संवाददाता, आगरा: वजीरपुरा पीली कोठी में रहने वाले रिटायर्ड सैन्य अधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह ने रविवार दोपहर आत्मघाती कदम उठा लिया। कोठी की दूसरी मंजिल पर स्थित अपने कमरे में बेड पर लेटकर लाइसेंसी बंदूक से गोली मार ली। ठुड्डी से सटाकर मारी गई गोली उनके सिर से पार हो गई। परिजनों के मुताबिक पिछले कई माह से वे एकाकी जीवन और खराब स्वास्थ्य के कारण अवसाद में थे। इसी के चलते उन्होंने आत्महत्या की है।
वजीरपुरा की पीलीकोठी में रहने वाले 80 वर्षीय देवेंद्र प्रताप सिंह 1988 में सेना से लेफ्टिनेंट कर्नल पद से रिटायर हुए थे। वे नि:संतान थे और 1992 में पत्नी का भी देहांत हो गया था। कई वर्षो से उनकी रीढ़ की हड्डी में दर्द की शिकायत थी। पीली कोठी में वे भतीजे और उनके परिवार की देखरेख में रह रहे थे। भतीजे दिनेश प्रताप सिंह के मुताबिक करीब दो माह से वे एकाकी जीवन और खराब स्वास्थ्य के कारण अवसाद में थे। बातचीत करना भी कम कर दिया था। रविवार दोपहर करीब दो बजे वे कोठी की दूसरी मंजिल पर स्थित अपने कमरे में थे। परिवार के सभी लोग अपने- अपने कमरों थे। तभी अचानक गोली चलने की आवाज सुनाई दी। भतीजी ने जाकर देखा तो वे अपने बेड पर लहूलुहान हालत में पड़े थे। जर्मन मेड लाइसेंसी दोनाली बंदूक भी पास में पड़ी थी। उनकी चीख पर सभी वहां पहुंच गए। पुलिस को बुला लिया गया। पुलिस ने डॉग स्क्वायड और फिंगर प्रिंट टीम को बुलाकर जांच कराई। उसके बाद शाम को ही पोस्टमार्टम करा दिया। परिजनों के मुताबिक देवेंद्र प्रताप सिंह बहुत जिंदा दिल इंसान थे। तबियत खराब होने के बाद उन्होंने अपनी संपत्ति की वसीयत भतीजों के नाम कर दी थी। उनके इस कदम के उठाने पर आसपास के लोगों को भी भरोसा नहीं हो रहा।
एसी लगवाते समय आई पत्नी की याद
परिजनों के मुताबिक इस बार उनके कहने पर कमरे में एसी लगवाया जा रहा था। रविवार को एसी लगाने वाला मैकेनिक आया और उसे सेट कर रहा था। परिवार के लोग भी मौजूद थे। तभी अचानक वह कहने लगे कि मैं एसी का सुख भोगूंगा और पत्नी दुनिया से जा चुकी हैं। इसके बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली।
चीन और पाक से युद्ध में निभाई थी अहम भूमिका
लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र प्रताप सिंह भारत- चीन युद्ध से कुछ दिन पहले ही सेना में भर्ती हुए थे। चीन से युद्ध के अलावा भारत- पाक युद्ध में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। इसके लिए उन्हें कई पुरस्कार भी मिले।
अचूक निशाने में मिला था स्वर्ण पदक
देवेंद्र प्रताप को शुरू से ही निशानेबाजी का शौक था। सेना की ओर से उन्हें गोल्ड मेडल मिला था। ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए क्लिक करें m.jagran.com परया
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(Hindi news from Dainik Jagran, newsstate Desk)
पूर्व सैन्य अधिकारी ने की गोली मारकर आत्महत्या
जागरण संवाददाता, आगरा: वजीरपुरा पीली कोठी में रहने वाले रिटायर्ड सैन्य अधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह ने रविवार दोपहर आत्मघाती कदम उठा लिया। कोठी की दूसरी मंजिल पर स्थित अपने कमरे में बेड पर लेटकर लाइसेंसी बंदूक से गोली मार ली। ठुड्डी से सटाकर मारी गई गोली उनके सिर से पार हो गई। परिजनों के मुताबिक पिछले कई माह से वे एकाकी जीवन और खराब स्वास्थ्य के कारण अवसाद में थे। इसी के चलते उन्होंने आत्महत्या की है।
वजीरपुरा की पीलीकोठी में रहने वाले 80 वर्षीय देवेंद्र प्रताप सिंह 1988 में सेना से लेफ्टिनेंट कर्नल पद से रिटायर हुए थे। वे नि:संतान थे और 1992 में पत्नी का भी देहांत हो गया था। कई वर्षो से उनकी रीढ़ की हड्डी में दर्द की शिकायत थी। पीली कोठी में वे भतीजे और उनके परिवार की देखरेख में रह रहे थे। भतीजे दिनेश प्रताप सिंह के मुताबिक करीब दो माह से वे एकाकी जीवन और खराब स्वास्थ्य के कारण अवसाद में थे। बातचीत करना भी कम कर दिया था। रविवार दोपहर करीब दो बजे वे कोठी की दूसरी मंजिल पर स्थित अपने कमरे में थे। परिवार के सभी लोग अपने- अपने कमरों थे। तभी अचानक गोली चलने की आवाज सुनाई दी। भतीजी ने जाकर देखा तो वे अपने बेड पर लहूलुहान हालत में पड़े थे। जर्मन मेड लाइसेंसी दोनाली बंदूक भी पास में पड़ी थी। उनकी चीख पर सभी वहां पहुंच गए। पुलिस को बुला लिया गया। पुलिस ने डॉग स्क्वायड और फिंगर प्रिंट टीम को बुलाकर जांच कराई। उसके बाद शाम को ही पोस्टमार्टम करा दिया। परिजनों के मुताबिक देवेंद्र प्रताप सिंह बहुत जिंदा दिल इंसान थे। तबियत खराब होने के बाद उन्होंने अपनी संपत्ति की वसीयत भतीजों के नाम कर दी थी। उनके इस कदम के उठाने पर आसपास के लोगों को भी भरोसा नहीं हो रहा।
एसी लगवाते समय आई पत्नी की याद
परिजनों के मुताबिक इस बार उनके कहने पर कमरे में एसी लगवाया जा रहा था। रविवार को एसी लगाने वाला मैकेनिक आया और उसे सेट कर रहा था। परिवार के लोग भी मौजूद थे। तभी अचानक वह कहने लगे कि मैं एसी का सुख भोगूंगा और पत्नी दुनिया से जा चुकी हैं। इसके बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली।
चीन और पाक से युद्ध में निभाई थी अहम भूमिका
लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र प्रताप सिंह भारत- चीन युद्ध से कुछ दिन पहले ही सेना में भर्ती हुए थे। चीन से युद्ध के अलावा भारत- पाक युद्ध में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। इसके लिए उन्हें कई पुरस्कार भी मिले।
अचूक निशाने में मिला था स्वर्ण पदक
देवेंद्र प्रताप को शुरू से ही निशानेबाजी का शौक था। सेना की ओर से उन्हें गोल्ड मेडल मिला था।
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