विवि के घोटालेबाजों की गर्दन पर तलवार
जागरण संवाददाता, आगरा: अंबेडकर विवि में घोटालों की झड़ी लगाने वाले अब सख्त कार्रवाई की तलवार लटकी है, जो उनको जेल पहुंचा सकती है। विशेष जांच शाखा (एसआइटी) ने अपना शिकंजा कस दिया है। हाईकोर्ट के आदेश पर शासन द्वारा गठित की गई एसआइटी के तीन सदस्यीय दल ने जांच शुरू कर दी है। सोमवार को रजिस्ट्रार कार्यालय में टीम ने कंप्यूटर और फाइलें खंगाली। वहीं बागपत की बड़ौत डायट में फर्जी मार्कशीट से प्रवेश और सत्यापन के मामले में रजिस्ट्रार से दस्तावेज मांगे हैं।
बीए के चार्ट में रोल नंबर जेनरेट (बिना पढ़े मार्कशीट जारी करना) कर फर्जी मार्कशीट से अभ्यर्थियों ने बागपत की बड़ौत डायट में प्रवेश लिया था। वर्ष 2010 में इनका विवि में फर्जी सत्यापन कर दिया गया। संबंधित जिले के डीएम की शिकायत पर विवि में जांच कराए जाने पर मामला खुल गया। इसमें पूर्व उपकुलसचिव प्रभाष द्विवेदी ने थाना हरीपर्वत में मुकदमा दर्ज कराया था। जांच के बाद पुलिस ने इसमें फाइनल रिपोर्ट लगा दी। बीते दिनों जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में विवि प्रशासन की ओर से रिपोर्ट पेश की गई। इस पर एसआइटी गठित कर जांच के आदेश दिए गए थे।
सोमवार को इसी सिलसिले में इंस्पेक्टर संतोष शुक्ला के नेतृत्व में तीन सदस्यीय एसआइटी का दल विवि में पहुंचा। सुबह रजिस्ट्रार कार्यालय में पूछताछ की। साथ ही रजिस्ट्रार कार्यालय के कक्ष में लगे कंप्यूटर के रिकॉर्ड और फाइलों को खंगाला। एसआइटी इंस्पेक्टर ने बताया कि फर्जी मार्कशीट प्रकरण में प्रारंभिक जांच शुरू की गई है। इसके लिए विवि प्रशासन से रिकॉर्ड मांगा गया है। रजिस्ट्रार बीके पांडे ने बताया कि एसआइटी द्वारा मांगे गए रिकॉर्ड दिए जा रहे हैं।
फर्जीवाड़े के चार्ट से मास्टर माइंड पर निशाना
बीए के वर्ष 2007 और 2008 में रोल नंबर जेनरेट किए गए थे। ये चार्ट जब्त हैं। इस मामले में पूर्व उप कुलसचिव ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। जिसमें इस प्रकरण के मास्टर माइंड के साथ करीब 20 संदिग्ध कर्मचारियों के नाम हैं। इस पर भी एसआइटी जांच कर रही है। टीम द्वारा 20 जनवरी को फर्जी मार्कशीट में पकड़े गए छात्र नेता से लेकर चार्ट में हेराफेरी के मामलों की जांच की जाएगी।
सीबीसीआइडी ने पांच कर्मचारियों को बनाया आरोपी
इस मामले की जांच कर रही सीबीसीआइडी ने पांच कर्मचारियों को आरोपी बनाया है। इसमें बीए तृतीय वर्ष के प्रभारी रहे राजेश कुमार शर्मा, बीए द्वितीय वर्ष के प्रभारी रहे अनिल श्रीवास्तव, बीए प्रथम वर्ष के प्रभारी रहे राजेश भटनागर, चार्ट रूम प्रभारी रहे राम कुमार जिंदल और परीक्षा विभाग प्रभारी स्वामी शरण के खिलाफ संबंधित थानों में मुकदमा दर्ज किया है।
गेस्ट हाउस से रहेगी नजर
एसआइटी की टीम विवि के खंदारी परिसर स्थित गेस्ट हाउस में ठहरी है। टीम द्वारा गेस्ट हाउस में जांच के लिए दस्तावेज मंगाए हैं। इसके साथ ही संदिग्ध कर्मचारियों और शिक्षकों पर भी एसआइटी नजर रखे हुए है। ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए क्लिक करें m.jagran.com परया
जागरण एप्लीकेशन डाउनलोड करें
chorme
android
ipad
iphone
Web Title:
(Hindi news from Dainik Jagran, newsstate Desk)
विवि के घोटालेबाजों की गर्दन पर तलवार
जागरण संवाददाता, आगरा: अंबेडकर विवि में घोटालों की झड़ी लगाने वाले अब सख्त कार्रवाई की तलवार लटकी है, जो उनको जेल पहुंचा सकती है। विशेष जांच शाखा (एसआइटी) ने अपना शिकंजा कस दिया है। हाईकोर्ट के आदेश पर शासन द्वारा गठित की गई एसआइटी के तीन सदस्यीय दल ने जांच शुरू कर दी है। सोमवार को रजिस्ट्रार कार्यालय में टीम ने कंप्यूटर और फाइलें खंगाली। वहीं बागपत की बड़ौत डायट में फर्जी मार्कशीट से प्रवेश और सत्यापन के मामले में रजिस्ट्रार से दस्तावेज मांगे हैं।
बीए के चार्ट में रोल नंबर जेनरेट (बिना पढ़े मार्कशीट जारी करना) कर फर्जी मार्कशीट से अभ्यर्थियों ने बागपत की बड़ौत डायट में प्रवेश लिया था। वर्ष 2010 में इनका विवि में फर्जी सत्यापन कर दिया गया। संबंधित जिले के डीएम की शिकायत पर विवि में जांच कराए जाने पर मामला खुल गया। इसमें पूर्व उपकुलसचिव प्रभाष द्विवेदी ने थाना हरीपर्वत में मुकदमा दर्ज कराया था। जांच के बाद पुलिस ने इसमें फाइनल रिपोर्ट लगा दी। बीते दिनों जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में विवि प्रशासन की ओर से रिपोर्ट पेश की गई। इस पर एसआइटी गठित कर जांच के आदेश दिए गए थे।
सोमवार को इसी सिलसिले में इंस्पेक्टर संतोष शुक्ला के नेतृत्व में तीन सदस्यीय एसआइटी का दल विवि में पहुंचा। सुबह रजिस्ट्रार कार्यालय में पूछताछ की। साथ ही रजिस्ट्रार कार्यालय के कक्ष में लगे कंप्यूटर के रिकॉर्ड और फाइलों को खंगाला। एसआइटी इंस्पेक्टर ने बताया कि फर्जी मार्कशीट प्रकरण में प्रारंभिक जांच शुरू की गई है। इसके लिए विवि प्रशासन से रिकॉर्ड मांगा गया है। रजिस्ट्रार बीके पांडे ने बताया कि एसआइटी द्वारा मांगे गए रिकॉर्ड दिए जा रहे हैं।
फर्जीवाड़े के चार्ट से मास्टर माइंड पर निशाना
बीए के वर्ष 2007 और 2008 में रोल नंबर जेनरेट किए गए थे। ये चार्ट जब्त हैं। इस मामले में पूर्व उप कुलसचिव ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। जिसमें इस प्रकरण के मास्टर माइंड के साथ करीब 20 संदिग्ध कर्मचारियों के नाम हैं। इस पर भी एसआइटी जांच कर रही है। टीम द्वारा 20 जनवरी को फर्जी मार्कशीट में पकड़े गए छात्र नेता से लेकर चार्ट में हेराफेरी के मामलों की जांच की जाएगी।
सीबीसीआइडी ने पांच कर्मचारियों को बनाया आरोपी
इस मामले की जांच कर रही सीबीसीआइडी ने पांच कर्मचारियों को आरोपी बनाया है। इसमें बीए तृतीय वर्ष के प्रभारी रहे राजेश कुमार शर्मा, बीए द्वितीय वर्ष के प्रभारी रहे अनिल श्रीवास्तव, बीए प्रथम वर्ष के प्रभारी रहे राजेश भटनागर, चार्ट रूम प्रभारी रहे राम कुमार जिंदल और परीक्षा विभाग प्रभारी स्वामी शरण के खिलाफ संबंधित थानों में मुकदमा दर्ज किया है।
गेस्ट हाउस से रहेगी नजर
एसआइटी की टीम विवि के खंदारी परिसर स्थित गेस्ट हाउस में ठहरी है। टीम द्वारा गेस्ट हाउस में जांच के लिए दस्तावेज मंगाए हैं। इसके साथ ही संदिग्ध कर्मचारियों और शिक्षकों पर भी एसआइटी नजर रखे हुए है।
ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए क्लिक करें m.jagran.com परया
जागरण एप्लीकेशन डाउनलोड करें
chorme
android
ipad
iphone
Web Title:
(Hindi news from Dainik Jagran, newsstate Desk)
CLICK HERE FOR FULL NEWSविवि के घोटालेबाजों की गर्दन पर तलवार
No comments:
Post a Comment